Corona महामारी के बीच डॉक्टर कर रहे है प्लाज्मा की ब्लैक-मार्केटिंग का (पर्दाफाश)

इस वक्त पूरा देश कोरोनावायरस की महामारी सल्लल्लाह लेकिन वही आपको बता दूं कि जिन डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है वही डॉक्टर इस कोरोनावायरस के महामारी में कुछ ऐसे हैं जो कि अपना संपत्ति और पैसा बढ़ाने में लगे हैं


हमारे हिंदी न्यूज़ मीडिया की टीम ने ग्राउंड जीरो से स्टिंग ऑपरेशन के जरिए पता कि कोरोना मरीजों के प्लाज्मा की खरीद-फरोख्त सीधे रूप से करें चोरी का मामला खूब तेजी से दूर पकड़ रहा है और इससे डॉक्टर अपना पैसा भी बना रहे हैं।


क्या है प्लाजमा थेरेपी ?

प्लाज्मा सेटिंग आपको बता देती जा कोई दवा नहीं है या कोरोनावायरस में स्थिति के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा रिकवरी रेट बढ़ रहा है इस वजह से या फिर से काफी दूर होती जा रही है।

सभी व्यक्ति आज एक ही लक्ष्य की अगर कोरोनावायरस घर के सदस्य किसी और को भी चपेट में लेता है तो किसी ना किसी तरह से उस को बचाया जाए अब इसी का फायदा यहां पर कुछ दलाल डॉक्टर उठा रहे हैं उनसे मोटी रकम ले रहे हैं

यह घटना भारत की राजधानी दिल्ली में अंजाम दिया गए हम आपको दिखाते हैं जो कि भारत के सुप्रसिद्ध और दीक्षा चयन इंडिया टुडे की तरफ से एक रिपोर्ट जारी की गई इसके अनुसार...

दिल्ली के जमरूदपुर निवासी मोहम्मद इलियास की दो महीने पहले कोरोना वायरस से रिकवरी हुई. जब इंडिया टुडे के अंडर कवर रिपोर्टर्स ने अस्पताल में भर्ती कोविड मरीज के तीमारदारों के तौर पर अपनी पहचान बता कर इलियास से प्लाज्मा दान करने का आग्रह किया, तो इलियास और उसके भतीजे असद खान ने पांच लाख रुपये की मांग की.
इलियास ने कहा- "हम प्लाज्मा देने के लिए तैयार हैं."
इलियास के भतीजे असद खान ने इसके बदले में ली जाने रकम बताने में देर नहीं लगाई.
असद खान ने कहा, "जहां तक चार्ज का सवाल है तो वो पांच लाख रुपये हैं."
रिपोर्टर- "प्लाज्मा देने के लिए?"
असद खान- "हां, आप हमें पेमेंट की शर्तें बताएं. नकद हमारे लिए बेहतर रहेगा."
खान के 53 वर्षीय चाचा इलियास ने 20-25 दिनों के बाद, जरूरत पड़ने पर दूसरी खुराक के लिए अपना प्लाज्मा फिर बेचने की पेशकश की.
एक और रिकवर्ड मरीज, शमशेर सिंह (28 साल), को कोविड-19 के सफल इलाज के बाद पिछले महीने दिल्ली के एम्स से छुट्टी मिली थी. इंडिया टुडे की जांच के दौरान शमशेर सिंह को भी अपना प्लाज्मा देने के लिए कीमत पर मोलभाव करते पाया गया.
शमशेर सिंह ने पहले कहा- "यह 50,000 रुपये का है. फिर सिंह ने ‘’फाइनल कीमत” 40,000 रुपए बताई.
सिंह- "यह 40 (हजार) पर फाइनल हो गया और मैं यहां हूं. यह (प्लाज्मा) बेशकीमती है. कोई भी व्यक्ति दान करने के लिए तैयार नहीं है, आप जानते हैं." सिंह ने "नकद में ही भुगतान’’ की शर्त भी रखी.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के नंद नगरी के एक बिचौलिए मोहसिन ने पैसे के बदले प्लाज्मा दिलाने की पेशकश की. मोहसिन ने दावा किया कि वो कमीशन मिलने पर बदायूं में कोविड से रिकवर्ड लोगों से प्लाज्मा दान करा देगा.
मोहसिन ने कहा, "मैं इसे 50,000 से 100,000 रुपये के बीच करा दूंगा. आपके लिए इससे अधिक नहीं."
मोहसिन- वे लोग यूपी में हैं. वे यहां नहीं रहते हैं लेकिन उनका कहना है कि अगर उनके खाते में कुछ पैसे ट्रांसफर हो जाएं, तो वे यहां आएंगे."
मोहसिन ने बदायूं के पूर्व मरीजों के खाते में ट्रांसफर करने के लिए तत्काल 10,000 रुपये की मांग की. मोहसिन ने बताया कि बदायूं में रहने वाले दोनों पूर्व मरीज पति-पत्नी हैं.
कानून के तहत खून और उसके कम्पोनेंट्स (अवयवों) का पैसे के बदले में दान देना प्रतिबंधित है.

हालांकि इसके बाद प्रशासन ने कठोर कार्रवाई करो निर्णय लिया है लेकिन अब आने वाले दिनों में जमीनी हकीकत है कितनी है और कितनी सही से पुलिस प्रशासन अपना काम करते हैं अब तैयार आने वाले दिनों में पता चलेगा आपकी जरूर आ रहे हैं हमें जरूर लिखें।

Post a Comment

0 Comments