मनोज सिन्हा का राज्यपाल बनना पूर्वांचल के लिए गौरव की बात : संतोष रंजन राय


बलिया। भाजपा नेता और पूर्व रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का नया उप राज्यपाल बनाया गया है। सिन्हा को राजनीति में शुचिता के लिए जाना जाता है। उनको जानने वाले लोग मनोज सिन्हा को विकास परक राजनीति का अग्रवाहक मानते हैं। मूलतः मनोज सिन्हा की बुद्धिजीवी व कुशल प्रशासक राजनीतिज्ञों में गिनती होती है।

PMO से फोन आया था

मनोज सिन्हा को नजदीक से जाने वाले संतोष रंजन राय (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाजयुमो और मुंबई प्रांत के युवा मोर्चा के प्रभारी) ने मनोज सिन्हा के उप राज्यपाल बनने पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि ‘‘वह जमीन से जुड़े नेता हैं। पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में भी उन्हें इस बात का अंदेशा नहीं था कि उन्हें मंत्री बनाया जाएगा लेकिन जैसे ही उनके पास पीएमओ से फोन आया था वह अवाक रह गए थे। तब उन्होंने कहा था कि यह भाजपा में ही सम्भव है। इस तरह चीजें भाजपा में ही हो सकती हैं।"

मैं तो पूरे देश का रेलमंत्री था

संतोष रंजन राय कहते हैं कि "लोकसभा चुनाव 2019 में गाजीपुर से मिली हार के बाद सिन्हा काफी दुःखी थे। 2014 से लेकर 2019 तक उन्होंने काफी काम किया था। लेकिन वह चुनाव हार गए थे। निराश मनोज सिन्हा दिल्ली चले गए थे। वहां अपने करीबियों के साथ बैठक में बड़े ही भावुक स्वर में कहा था- मैं तो पूरे देश का रेल मंत्री था, लेकिन गाजीपुर का बनकर रहा। इसके बावजूद चुनाव हार गया। हो सकता है मुझमें कुछ कमियां रहीं होंगी। इसीलिए जनता ने ऐसा जनादेश दिया है। 

पूर्वांचल के लिए गौरव की बात 

आज भी उनके मन में गाजीपुर को लेकर हमेशा चिंता दिखाई देती है। राज्यपाल बनने के बाद उन्होंने इस पद को एक चुनौती के तौर पर लिया है। यह पूरे पूर्वांचल के लिए गौरव की बात है कि मनोज सिन्हा जी को उप राज्यपाल के रूप में जम्मू कश्मीर जैसे संवेदनशील केन्द्र शासित प्रदेश की जिम्मेदारी दी गयी है। काशी हिन्दु विश्व विद्यालय की छात्र राजनीति से प्रारम्भ हुए लगभग 4 दशक के राजनीतिक अनुभव व कुशल प्रशासनिक क्षमता का लाभ अब जम्मू कश्मीर को मिलेगा।"

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